परमाणु करार के मुद्दे को लेकर जो हंगामा संसद के अन्दर हुआ वह भारतीय लोकतंत्र को झकझोर कर रख दिया । संसद के अन्दर जिस तरह से नोटों की गड्डिया लहराई गई वह भी अध्यक्ष के सामने सवाल यह खड़ा होता है की इतनी सुरक्षा के बावजूद आखिर नोटों से भरी गद्दिया सदन के अन्दर aआया कैसे । ऐसे में अगर संसद में १३ दिसम्बर की घटना फिर से हो जाए तो इसमे कोई आछचर्य नही होना चाहिए ।
Friday, July 25, 2008
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2 comments:
ji akash ji bilkul sahi likha hai aapne. agar koi 13 dec ki ghatna phir se karne me safal ho jae to koi ashcharya ki bat nahi.
bahut bahut dhanyavad lekh ke lie
plz visit & make comments on
www.salaamzindadili.blogspot.com
पहली बार ब्लॉग पे आना हुआ.. आपने लिखना क्यों बंद कर दिया?
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