Friday, July 25, 2008

कितना सुरझितसंसद

परमाणु करार के मुद्दे को लेकर जो हंगामा संसद के अन्दर हुआ वह भारतीय लोकतंत्र को झकझोर कर रख दिया । संसद के अन्दर जिस तरह से नोटों की गड्डिया लहराई गई वह भी अध्यक्ष के सामने सवाल यह खड़ा होता है की इतनी सुरक्षा के बावजूद आखिर नोटों से भरी गद्दिया सदन के अन्दर aआया कैसे । ऐसे में अगर संसद में १३ दिसम्बर की घटना फिर से हो जाए तो इसमे कोई आछचर्य नही होना चाहिए ।

2 comments:

Shamikh Faraz said...

ji akash ji bilkul sahi likha hai aapne. agar koi 13 dec ki ghatna phir se karne me safal ho jae to koi ashcharya ki bat nahi.
bahut bahut dhanyavad lekh ke lie

plz visit & make comments on
www.salaamzindadili.blogspot.com

somadri said...

पहली बार ब्लॉग पे आना हुआ.. आपने लिखना क्यों बंद कर दिया?